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आंतकवाद पर निबंध | आतंकवाद की समस्या, कारण और समाधान | Essay on Terrorism in Hindi |

आंतकवाद एक चुनौती/वैश्विक समस्या 

आंतकवाद की परिभाषा : आज यदि हम भारत की विभिन्न समस्याओं पर विचार करें तो हमें लगता है कि हमारा देश अनेक समस्याओं के चक्रव्यूह से घिरा हुआ है। एक और बेरोजगारी, दूसरी ओर भूखमरी, कहीं अकाल तो कहीं बाढ़ की समस्या है। इन सभी समस्याओं से भी भयानक समस्या आतंकवाद की समस्या है, जो देश रूपी वट वृक्ष को दीमक के समान चाट-चाट कर खोखला कर रही है। आए दिन बहुत से आंतकवादी हमले हो रहे हैं और सीमा पार आंतकवादी गतिविधियां भी हो रही है। सीमा पर हमारे जवान आतंकवादियों द्वारा मौत के घाट उतार दिए जाते हैं। कुछ अलगाववादी शक्तियों तथा भ्रष्ट नवयुवक हिंसात्मक रूप से देश के विभिन्न क्षेत्रों में दंगा-फसाद करवा कर अपनी स्वार्थ सिद्धि में लगे हुए हैं। यह सभी देशद्रोही लोग हैं, जो देश को शांतिपूर्ण तरीके से चलते हुए देखना नहीं चाहते हैं। वे किसी न किसी प्रकार से इस देश के लिए आतंकवाद को जन्म देते ही रहते हैं। यह समस्या ना केवल भारत देश के लिए है बल्कि पूरे विश्व के देशों के सामने एक बड़ी चुनौती भी है। आतंकवादी जगह-जगह पर अपने गिरोह बनाकर रखते हैं और वह देश की कानूनी व्यवस्था को मानने की बजाय उसमें खलल डालते हैं। अपनी मनमर्जी से लोगों की हत्या कर देते हैं। 

आतंकवाद का अर्थ

Mean of Terrorism in Hindi : आंतकवाद दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है - आंतक+वाद  | आतंक का अर्थ होता है - भय/डर और वाद का अर्थ होता है - पद्धति अर्थात आंतकवाद गैरकानूनी तरीके से समाज को अपने कुकृतियों से भयभीत कर देना। जो लोग इन गतिविधियों से लोगो को  भयभीत करते हैं, वे आंतकवादी कहलाते हैं। 

आतंकवादी गतिविधियां 

आतंकवादियों के कुकर्म : आतंकवादियों का एक ही मकसद होता है कि वे सरकार और सिस्टम पर गैरकानूनी तरीके से दबाव बनाकर उनको अपनी अनुचित बातें मनवाना। आंतकवादीयों का कोई जाति, धर्म अथवा कोई देश नहीं होता। वे सिर्फ अपने मकसद के लिए बूढ़े, जवानों, भोले-भाले बच्चों, स्त्रियों की बहुत ही बेरहमी से हत्या कर देते हैं। वे आतंकवादी तरीके से देश में अराजकता फैलाते हैं। उनका विरोध करने वालों का छल-कपट से बदला लेते हैं और उन्हें किसी भी तरीके का परिणाम भुगतने के लिए तैयार कर देते हैं। आतंकवाद के अंतर्गत आंतकवादी संगठन अथवा लोग देश के विभिन्न हिस्सों में निरंतर हिंसात्मक उत्पात मचाये रखते हैं। आंतकवादी गतिविधियों की वजह से सरकार अपने लक्ष्य के मुताबिक कार्य को सुचारू रूप से संपादित नहीं कर पाती। आंतकवादी लोग अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठन, राजनीतिज्ञ और व्यापरिक उद्योगों के माध्यम से आतंकवाद को फैलाते हैं।  

आंतकवाद के प्रकार

Types of Terrorism in Hindi : आंतकवाद मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है - राजनीतिक आंतकवाद और अपराधिक आंतकवाद। राजनीतिक आतंकवाद का मतलब यह होता है कि जो अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए जनता में डर फैलाता है और आपराधिक आतंकवाद का अर्थ होता है कि जो अपहरण करके पैसे की मांग करता है। 

आतंकवाद एक वैश्विक समस्या

आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या : आतंकवाद किसी एक व्यक्ति, समाज अथवा राष्ट्र विशेष के लिए नहीं बल्कि पूरी मानव सभ्यता के लिए कलंक है। हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इसका जहर तीव्रता से फैल रहा है। यदि समय रहते हुए इसको रोकने के लिए प्रबल इंतजाम नहीं किए जाएंगे तो यह है पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है। हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है यहां पर सभी धर्मों को मानने वाले लोग निवास करते हैं। जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि धर्मों के अनुयायी रहते हैं जिनको इस देश में समान अधिकार प्राप्त है। भारत के भूतपूर्व युवा प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी इन्हीं आतंकवादियों की क्रूरता के शिकार हुए थे। पाकिस्तान देश आतंकवादियों को प्रशिक्षण एवं शरण दे रहा है। वहां के शासनाध्यक्षों पर लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं। दुनिया भर में छोटे-मोटे आंतकवादी हमले लगातार होते रहते हैं। आए दिन धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में भी खून की नदियां बहना आम बात हो गई है। वहां पर लगातार सीमा पार हमारे सैनिकों पर आतंकवादियों द्वारा आतंकी हमले किए जाते हैं। सैनिकों के सर काटकर ले जाये जाते है। 

आतंकवाद के दुष्परिणाम

आतंकवाद के दुष्प्रभाव : आतंकवादी किसी भी देश की सशक्त सैन्य शक्ति के सामने प्रत्यक्ष रूप से आकर मुकाबला नहीं करते हैं। वे किसी भी सरकार अथवा संप्रदाय का सामना छिपकर आतंक दिखाकर, आतंक फैलाकर करते हैं। वे किसी भी सार्वजनिक संगठन पर छल कपट से पहुंचकर अचानक अंधाधुंध गोलीबारी कर देते हैं जिससे वहां पर भगदड़ मच जाती है और काफी जनधन का नुकसान भी झेलना पड़ता है। आंतकवादी बीच रास्ते में अधिकारियों, नेताओं अथवा सामाजिक कार्यकर्ताओं को अवसर पाकर मौत के घाट उतार देते हैं। उनका विरोध करने पर विरोध करने वालों को भी उसी रास्ते को दिखा देते हैं। 

आतंकवाद के कारण

आतंकवाद का जिम्मेदार कौन - आतंकवाद के पूरे विश्व में फैलने अथवा विश्वव्यापी समस्या बनने के पीछे अनेक कारण है। उनमें से मुख्य रूप से गरीबी, बेरोजगारी, भूखमरी और धार्मिक उन्माद है। आंतकवादीयों को उनकी आंतकवादी गतिविधियों में सबसे अधिक प्रोत्साहन धार्मिक कट्टरता से मिलता है। लोग धर्म के आधार पर एक-दूसरे का गला काटने लग जाते हैं। इन्हीं के परिणाम स्वरूप आजकल लोग जाति एवं धर्म के आधार पर हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-सिख, सिख-ईसाई आदि धर्मों के नाम पर दंगे भड़का देते हैं। जिससे कि लोग धर्म के आधार पर पृथक राष्ट्र की भी मांग करने लग जाते हैं। आंतकवाद एक ऐसी बीमारी है, जो देश को आर्थिक रूप से कमजोर एवं खोखला कर देती है। आतंकवादियों को बाहर से सहयोग मिलता है और उनके हथियार भी भेजे जाते हैं। 

आतंकवाद खत्म करने के उपाय

आतंकवाद को रोकने के उपाय : आतंकवाद का समाधान - आतंकवाद मानवता के नाम पर एक कलंक है। यह क्रियाकलाप किसी के लिए भी लाभकारी नहीं होता है। इसका अंत बुरा होता है। अधिकांश युवक जो आतंकवादी बनते हैं, उन्हें दिग्भ्रमित किया गया होता है, उन्हें अपनी शासन व्यवस्था अथवा सरकार के विरुद्ध लड़ने के लिए भड़काया जाता है। विभिन्न सार्वजनिक स्थलों, स्कूल और कॉलेजों में राष्ट्रीय एकता की भावना उत्पन्न करने की शिक्षा दी जानी चाहिए। जगह-जगह पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए जिससे कि लोग आंतकवादी गतिविधियों में शामिल ना हो। लोगों को आंतकवाद के परिणाम के बारे में जागृत करना चाहिए। बताना चाहिए कि आखिरकार आतंकवादी संगठन अथवा उनसे जुड़े हुए लोगों का क्या हाल होने वाला है। उनके सामने क्या समस्याएं हो सकती हैं। इसके परिणाम एवं उदाहरण लोगों के सामने रखकर उन्हें भी इसी बाबत जागरूक करना जरूरी है। साथ ही साथ लोगों के लिए रोजगार के संसाधन उपलब्ध करवाने चाहिए जिनसे कि वे अन्य देश विरोधी गतिविधियों में शामिल ना हो सके। जो लोग आंतकवादी गतिविधियों में शामिल हो चुके हैं और आंतकवादी गतिविधियां करते हुए पकड़े गए हैं उनको कठोर से कठोर सजा मिले ताकि उनके पीछे जुड़े हुए लोग इस सजा से डर सके  जिससे कि अन्य युवा उनसे डर के मारे ना जुड़े। 

उपसंहार : आतंकवाद को खत्म करें

अंत में कहा जा सकता है कि आतंकवाद किसी भी देश अथवा संगठन के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है। आतंकवादी गतिविधियों से देश में अशांति और हिंसा फैलती है। हमें जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव ना करते हुए हम सभी को मिलकर आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रयास करना चाहिए। आतंकवाद को समय रहते हुए जड़ से नष्ट करने के प्रबल उपाय खोजने चाहिए। यदि समय रहते आतंकवाद को नहीं रोका जाएगा तो यह हमारे भारत देश के लिए एक बड़ी समस्या बन जाएगा। हमारे देश में प्रतिवर्ष 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। 

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