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होली पर निबंध | होली निबंध हिंदी में | Essay on Holi in Hindi


प्रस्तावना :  {होली पर निबंध}


रंगों का त्यौहार होली - रंगों का त्यौहार होली, हिंदुओं के चार बड़े पर्व में से एक है अर्थात होली एक ऐसा रंग-बिरंगा रंगो का त्यौहार है। जिसे हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों का यह त्यौहार संप्रदाय, जाति धर्म आदि के बंधन खोलकर सभी में भाईचारे का संदेश देता है। इस दिन के अवसर पर सभी लोग अपने पुराने अन-बन, वाद-विवाद को भूलकर गले लगते हैं और एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं। इस त्यौहार पर विशेष रूप से बच्चे और युवाओं को रंगों से खेलते हुए देखना मनमोहित लगता है।  रंगो की होली से 1 दिन पहले होलिका दहन किया जाता है इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है

होली कब मनाई जाती हैं ?

होली का पर्व ऋतुराज बसंत ऋतु के आगमन पर फाल्गुन मास की पूर्णिमा को आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बनाए जाने के पीछे इसका ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व माना जाता है। 

भारत की प्रसिद्ध होलियां 

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में रीति-रिवाज के अनुसार अलग-अलग तरीक़े से विभिन्न त्यौहार मनाये जाते है। इसी प्रकार होली त्यौहार भी अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग रीति-रिवाज से मनाये जाता है और उसे अलग-अलग नाम से पुकारा जाता है। जिनमे से कुछ के नाम इस प्रकार है -

  • वृन्दावन की होली 
  • बरसाने की होली 
  • मथुरा की होली
  • ब्रज की होली 
  • काशी की होली 
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होली के त्यौहार का ऐतिहासिक महत्व

होली क्यों मनायी जाती है - होलिका दहन के संबंध में एक कहानी बहुत ही प्रसिद्ध रही है - प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस हुआ करता था जिसकी एक दुष्ट बहन भी थी, जिसका नाम होलिका (होलिका को आग से न जलने का वरदान प्राप्त था) था। हिरण्यकश्यप का एक पुत्र जिसका नाम प्रह्लाद था। जो विष्णु का भक्त था तथा हिरण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानता था। वह भगवान विष्णु के कट्टर विरोधी था, इसलिए वह भक्त प्रहलाद की विष्णु भक्ति के खिलाफ था। भक्त प्रह्लाद को विष्णु भक्ति करने से रोकने पर भी उसके ना मानने पर हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रहलाद को मारने के लिए बहुत से प्रयास किए लेकिन नाकाम रहा। अंत में हरिण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी और उसने हां भर दिया। भाई के कहे अनुसार होलीका भक्त प्रहलाद को अग्नि में लेकर जलाने हेतु बैठ गई।  होलीका उस आग में पूरी तरह से जलकर राख हो गई लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रहलाद का कुछ भी नहीं बिगड़ा। इस प्रकार होलिका दहन बुराई के ऊपर अच्छाई की विजय है। एक अन्य पौराणिक कथा भी मान्य है जिसके अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन गोपियों के साथ रासलीला की थी। इसके उपलक्ष में इसी दिन नंद गांव के सभी लोगों ने रंग और गुलाल के साथ खुशियां मनाई थी। 


कैसे मनाये होली त्यौहार

होली दहन की विधि - होली दहन के लिए होली के दिन एक बड़ी डंडी या झंडा किसी सार्वजनिक स्थान पर गाड़ा जाता है। इस डंडे की पूजा की जाती है और उसके चारों और फेरे लगाकर मंगलकामनाएं की जाती है। इसके बाद में होली के मुहूर्त पर डंडे को निकालकर इसके चारों ओर उपले और लकड़ियां इकट्ठी की जाती है। पूजा पाठ करने के बाद इन उपले तथा लकड़ियों को आग लगाते हैं और इस आग में किसान अपने खेत के पहले अनाज के कुछ दानों को सिखाते हैं और सब में बांटते हैं। इस राख से तिलक लगाते हैं और इसी से लोगों के बीच मिलन और भाईचारे की भावना जागृत होती है। 

रंगों का त्यौहार होली

Essay on Holi in Hindi - 2 दिन तक चलने वाले होली के त्यौहार की तैयारियां कई दिन पहले शुरू हो जाती है .होली से 1 दिन पहली रात को होलिका का दहन किया जाता है। जिसमें लोग नकारात्मक प्रवृत्ति को आहुति देते हैं। रंग एवं गुलाल से खेलते है और होली का एक अलग ही अंदाज में मनोरंजन करते हैं। 

हिन्दुओं का रंग-बिरंगा त्यौहार

उपसंहार {निष्कर्ष} : अंत में कहा जा सकता है कि होली एक मेल, एकता, प्रेम, आनंद एवं खुशी का त्योहार है। इसमें हम सभी को छोटे-बड़े {बुजुर्ग}, भाई-बहन, आस-पड़ोस के साथ मिलकर रहने का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन छोटे-बड़े के गले मिलकर उन्हें एकता का उदाहरण देना चाहिए। होली खेलते समय अधिकतर लोग रंगों का प्रयोग करते हैं लेकिन हमें उनके स्थान पर गुलाल का प्रयोग करना चाहिए। रंग आंखों एवं त्वचा के लिए बहुत हानिकारक होता है लेकिन गुलाब का इतना नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है और गुलाल से शारीरिक-मानसिक नुकसान नहीं होता है। प्रेम भाव से ही होली खेलनी चाहिए। किसी के साथ जोर जबरदस्ती कर रंग अथवा गुलाल नहीं लगाना चाहिए। 

होली की शुभकामनाएँ के सन्देश

Holi Quotes in Hindi
"रंगों की आंखमिचौली,
खुशियों की आई टोली |
पकवानों की आई थैली,
अपनों के संग खेलो होली || "

"जला दो सारी बुराइयाँ,
मिटा दो सारी गलत-फेमियाँ | 
अपना लो सारी अच्छाइयाँ,
मुबारख हो होली की रंगोलियाँ ||"

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