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भ्रष्टाचार पर निबंध : भ्रष्टाचार एक अभिशाप | Corruption Essay in Hindi

आज की इस पोस्ट में आप सभी पाठकों के लिए भ्रष्टाचार पर एक निबंध लिखकर पेश किया गया है। यह निबंध एक बहुत ही सरल भाषा में सुशोभित तरीके से लिख कर पेश किया गया है। इस पोस्ट में आप सभी पाठकों के इन सवालों के जवाब मिलेंगे - Essay on Corruption in Hindi, how to stop corruption essay in hindi, essay on bhrashtachar in hindi, essay on bhrashtachar in hindi with quotations, essay on corruption in hindi for class, essayon corruption in hindi for upsc,  Bhrashtachar par nibandh, bhrishtachar par nibandh, bhrastachar par nibandh, bhrastachar par nibandh hindi me, aao bhrashtachar karein, bhart me bhrishtachar, latest topic hindi nibandh, Slogan on corruption in hindi, poem on corruption in hindi, quotes on corruption in hindi आदि। तो आप सभी इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें। यह पोस्ट आप सभी पाठकों के लिए बहुत ही लाभदायक साबित होगी। 

Essay on Corruption in Hindi

भ्रष्टाचार का अर्थ : भ्रष्टाचार क्या है ? - भ्रष्टाचार का संधि विच्छेद = भ्रष्ट+आचार है यानी कि भ्रष्टाचार 2 शब्दों भ्रष्ट और आचार से मिलकर बना है। भ्रष्ट का अर्थ होता है बुरा या बिगड़ा हुआ तथा आचार का अर्थ होता है आचरण करना अर्थात भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ होता है - वह आचरण जो किसी भी प्रकार से अनैतिक और अनुचित हो। भ्रष्टाचार एक जहर की तरह है, जो देश, संप्रदाय और समाज के गलत लोगों के दिमाग में फैला हुआ है। इसमें लोग अपनी ताकत और पद का गैरजरूरी और गलत इस्तेमाल कर अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए यह भ्रष्टाचार फैलाते रहते हैं। चाहे वे सरकारी कर्मचारी हो या फिर गैर सरकारी कर्मचारियों। इसका बुरा प्रभाव राष्ट्र पर पड़ता है। जिससे देश की प्रगति और विकास में भी बाधा उत्पन्न होती है। भ्रष्टाचार आज पूरे देश में एक महामारी की तरह फैला हुआ है। यह धीरे-धीरे कम होने की बजाय दीमक की तरह बढ़ता ही जा रहा है। आजकल देश में लाखों करोड़ों रुपए के घोटाले हो रहे हैं, जोकि एक चिंता का विषय है। 

भ्रष्टाचार के प्रकार

Types of Corruption : भ्रष्टाचार के तरीके - भ्रष्टाचार आज देश के विभिन्न हिस्सों में फैला हुआ है। आजकल लोगों की मानसिकता ही भ्रष्टाचार बन गई है। प्राचीन काल में यह जहर गिने-चुने दफ्तरों में हुआ करता था। लेकिन आजकल लोगों का लालच इतना बढ़ गया है कि यह आज हर जगह हो रहा है। इसी परिप्रेक्ष्य में कह सकते हैं कि भ्रष्टाचार कई प्रकार का होता है चाहे वह शिक्षा हो, खेल हो या राजनीति हो हर जगह भ्रष्टाचार का रूप देखा जा सकता है। भ्रष्टाचार चोरी, बेईमानी, घोटाला, सार्वजनिक संपत्तियों की बर्बादी, अनैतिक आचरण, चुनाव में धांधली, टैक्स चोरी,  झूठा मुकदमा,  जबरन चंदा लेना,  पैसे लेकर वोट देना,  वोट के लिए पैसा बांटना, रिश्वत देना  आदि से तरिके से किया जाता है। इस समस्या से आजकल विश्व के विकसित और विकासशील दोनों प्रकार के देश जूझ रहे हैं। 

भ्रष्टाचार के कारण

Reason of Corruption : भ्रष्टाचार क्यों होता है ? -भ्रष्टाचार के कई कारण हो सकते हैं, जिनका विवरण निम्नानुसार है :- 
  • लोगों में व्याप्त असंतोष
  • एक दूसरे को देख कर उसकी बराबरी करने का स्वार्थ
  • नैतिक मूल्यों में आयी भारी गिरावट
  • झूठे दिखावे एवं प्रदर्शन के लिए
  • धन को ही सर्वस्व समझने के कारण
  • कठोर कानून का ना होना अर्थात लचीली कानून व्यवस्था का होना 
  • गरीबी, भूखमरी, बेरोजगारी, जनसंख्या वृद्धि तथा अन्य व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण
  • जल्दी धनवान बनाने की चाह के कारण
  • मानवीय संवेदनाओं की कमी के कारण

भ्रष्टाचार के दुष्परिणाम

Effects of Corruption : भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव, भ्रष्टाचार के प्रभाव - जब कोई व्यक्ति न्याय व्यवस्था के माननीय नियमों के खिलाफ जाकर कोई गलत आचरण करके अपना स्वार्थ सिद्ध करता है, तो वह व्यक्ति भ्रष्टाचारी कहलाता है। आज यह भ्रष्टाचार पूरे भारत में इस प्रकार फैला हुआ है कि आज पूरी दुनिया में भारत भ्रष्टाचार के मामले में 94 नंबर पर है। इसमें सरकारी नियम कायदों की धज्जियां उड़ा कर अपना स्वार्थ सिद्धि का प्रयास किया जाता है। भ्रष्टाचार की जड़ें आज गहराई तक जमी हुई है। यह एक लाइलाज बीमारी है। हालांकि इसका इलाज तो संभव है लेकिन करना कोई नहीं चाहता। आजकल यह जहर कहीं-कहीं सरकारी दफ्तरों में पैसे देकर काम करवाने के रूप में भी देखा जा सकता है। कुछ लोग अपने फायदे के लिए दूसरों के पैसे का गलत इस्तेमाल करते हैं। 

भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय

भ्रष्टाचार को मिटाने के उपाय : भ्रष्टाचार को कैसे रोके - भ्रष्टाचार को पूरी तरह से जड़ मुक्त करने के लिए व्यापक स्तर पर इंतजाम करना चाहिए। इसमें कानूनी व्यवस्था के लचीलेपन को दूर कर कठोर दंड व्यवस्था का प्रावधान किया जाना चाहिए। भ्रष्टाचार के विभिन्न कारणों का गंभीरतापूर्वक विश्लेषण कर उनको रोकने के हर संभव प्रयास करने चाहिए। लोगों को रोजगार के पर्याप्त साधन उपलब्ध करवाने चाहिए और सरकारी कार्यालयों में जरूरत के हिसाब से कर्मचारी उपलब्ध करवाना चाहिए। सही समय पर कर्मचारियों को उचित वेतन मिलना चाहिए। आजकल भ्रष्टाचार की स्थिति यहां तक हो गई है कि व्यक्ति रिश्वत के मामले में पकड़ा जाने पर भी रिश्वत देकर छूट जाता है। भ्रष्टाचार के मामले में राजनीति के स्तर को पूरी तरह से समाप्त करना चाहिए। ईमानदार लोगों को अवसर आने पर समारोह आदि में पुरस्कृत करना चाहिए, जिससे दूसरों को प्रेरणा मिल सके। 

भ्रष्टाचार विरोधी दिवस

भ्रष्टाचार के खिलाप अभियान : संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 31 अक्टूबर 2003 को एक प्रस्ताव पारित कर अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया जाने की घोषणा की थी। दुनिया भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 9 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया जाता है। 

निष्कर्ष : भ्रष्टाचार एक कलंक/अभिशाप

अंत में कहा जा सकता है कि भ्रष्टाचार देश के आर्थिक विकास और विकसित राष्ट्र बनने में एक बाधा है। जो दीमक की तरह धीरे-धीरे बढ़ने की बजाय फैल रही है। भ्रष्टाचार मानव समाज के लिए एक अभिशाप की तरह है। यदि हम अपने समाज का विकास करना चाहते हैं तो हमें एकजुट होकर भ्रष्टाचार को जड़ से नष्ट करना चाहिए। 

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