देश के प्रथम पूर्ण साक्षर जिले के पुरस्कार से सम्मानित व सांप्रदायिक सद्भाव का संगम राजस्थान के हृदय स्थल व भारत के मक्का एवं धर्म नगरी आदि अनेक नामों से प्रसिद्ध अजमेर नगर की स्थापना चौहान राजा अजय राज ने 1113 ईस्वी में की। अजमेर में अजयमेरू दुर्ग स्थित है। अजयमेरू दुर्ग की स्थापना अजयपाल ने सातवीं सदी में की थी। अजमेर के चौहान शासक पृथ्वीराज चौहान तृतीय के तराइन के द्वितीय युद्ध (1192 ईसवी ) में मोहम्मद गोरी से पराजित होने से यहां पर मुस्लिम शासन की स्थापना हुई थी, जिसके कारण अजमेर दिल्ली सल्तनत के अधीन हो गया था। श्री हरीभाऊ उपाध्याय अजमेर के प्रथम एवं एकमात्र मुख्यमंत्री रहे। अजमेर के नाग पहाड़ से लूणी नदी निकलती है।
अजमेर की अक्षांशीय/देशांतरीय स्थिति
🔰अक्षांशीय स्थिति : 25 डिग्री 38 मिनट उत्तरी अक्षांश से 26 डिग्री 58 मिनट उत्तरी अक्षांश तक🔰देशांतरीय स्थिति : 73 डिग्री 54 मिनट पूर्वी देशांतर से 75 डिग्री 22 मिनट पूर्वी देशांतर तक
अजमेर से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- अजमेर का शाब्दिक अर्थ : एक ऐसा पर्वत जिसे जीता न जा सके।
- अजमेर जिले का क्षेत्रफल 8481 वर्ग किलोमीटर।
- अजमेर का 1956 में राजस्थान में विलय किया गया।
- विलय होने पर अजमेर राजस्थान का 26 वां जिला बना।
अजमेर के उपनाम/प्राचीन नाम :-
- अजमेर के प्राचीन नाम - पृथ्वीपुर /अजयमेरू।
- भारत का मका मदीना।
- राजस्थान का हृदय ( केंद्रीय स्थिति )
- राजस्थान का नाका।
- राजपूताने की कुंजी।
अजमेर जिले के प्रमुख मंदिर
- ब्रह्मा मंदिर ( पुष्कर में )
- सावित्री मंदिर
- रंगनाथजी का मंदिर
- वराह मंदिर ( पुष्कर में )
- गायत्री मंदिर
- सोनीजी की नसियां (लाल मंदिर)
- आंतेड़ की छतरियां
- रामदेवरा थान
- सलेमाबाद ( निंबार्क संप्रदाय की प्रधान पीठ )
- काचरिया मंदिर एवं नवग्रह मंदिर
- खोड़ा गणेश मंदिर
अजमेर जिले के प्रमुख मेले एवं त्यौहार
पुष्कर मेला | पुष्कर | |
ख्वाजा साहब का उर्स | अजमेर | |
कल्पवृक्ष | मांगलियावास |
अजमेर जिले के दर्शनीय स्थल
- तारागढ़ दुर्ग ( गढ़ बिठली )
- पृथ्वीराज स्मारक
- आनासागर झील
- फॉय सागर झील
- ढाई दिन का झोपड़ा
- मांगलियावास
- घोड़े की मजार
- जुबली क्लॉक टावर
- पंचकुंड
- अब्दुल्ला खान का मकबरा
- बघेरा का तोरण द्वार
- टूकड़ा का मकबरा
- पदमा डेयरी
- चश्मा-ए-नूर मुगल
- दादाबाड़ी
- भूकंप वैद्यशाला
- बापूगढ़ / बजरंगगढ़
- रूठी रानी का महल
- हाथी भाटा
- मेयो कॉलेज
- संतोष बावला की छतरी
अजमेर के प्रमुख दुर्ग
🔰अजयमेरु दुर्ग (तारागढ़ दुर्ग):-
- तारागढ़ दुर्ग का निर्माण अजयपाल ने सातवीं सदी में करवाया था।
- तारागढ़ दुर्ग में कुल 14 बुर्ज है।
- तारागढ़ दुर्ग सर्वाधिक आंतरिक आक्रमण सहने वाला दुर्ग है।
- तारागढ़ दुर्ग में शाहजहां के बेटे दाराशिकोह का जन्म हुआ था। दाराशिकोह ने धौलपुर के युद्ध में पराजित होकर इस दुर्ग में शरण ली थी।
- अजयमेरू दुर्ग, तारागढ़ दुर्ग , गढ़ बिठली दुर्ग, राजपूताना की कुंजी आदि।
- राजस्थान का जिब्राल्टर ( बिशप हेबर )
- मिरान साहब की दरगाह
- घोड़े की मजार
- रूठी रानी का महल
- पृथ्वीराज स्मारक
- नानाजी का झालरा
- चामुंडा माता का मंदिर
🔰मैगनीज दुर्ग ( अजमेर में ):-
- मैगनीज दुर्ग का निर्माण अकबर ने करवाया था।
- मैगनीज दुर्ग मुस्लिम पद्धति पर बना एकमात्र दुर्ग है।
- इंग्लैंड के शासक जेम्स प्रथम के दूत सर टॉमस रो 22 दिसंबर, 1615 को अजमेर आए थे। उन्होंने अकबर के किले में 10 जनवरी, 1616 को जहांगीर से मुलाकात की थी।
- अकबर का किला
- शस्त्रागार
- अकबर का दौलतखाना
🔰केहरीगढ़ दुर्ग ( किशनगढ़, अजमेर ):-
- केहरीगढ़ दुर्ग गुंदोलाव तालाब के पास किशनगढ़ अजमेर में स्थित है।
- वर्तमान में यह दुर्ग एक 'हेरिटेज होटल' है।
- इस दुर्ग के आंतरिक भाग को "जिवरक्खा महल" भी कहते है।
- इस दुर्ग का प्राचीन नाम बोरासवाड़ा
- टॉडगढ़ दुर्ग का निर्माण कर्नल जेम्स टॉड ने करवाया था।
- इस दुर्ग में विजय सिंह पथिक और राव गोपाल सिंह खरवा को नजरबंद किया गया था।
पुष्कर का वर्णन
पुष्कर एक हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यहां पर पवित्र पुष्कर झील है , जिसमें 52 घाट है। पुष्कर में ब्रह्माजी का भव्य मंदिर है। पुष्कर को हिंदुओं के पांच प्रमुख तीर्थों में सबसे पवित्र माना गया है।पुष्कर के अन्य नाम / उपनाम:-
- 100 मंदिर का शहर
- कोकण तीर्थ
- तीर्थराज
- तीर्थो का मामा
- आदि तीर्थ
अजमेर से सम्बंधित महत्वपूर्ण जीके
- जहांगीर महल का निर्माण जहांगीर ने पुष्कर में करवाया था।
- दौलतबाग उद्यान (सुभाष उद्यान ) का निर्माण जहांगीर ने अजमेर में करवाया था।
- चश्मा-ऐ-नूर का निर्माण जहांगीर ने अजमेर में करवाया था।
- शाहजहां ने आनासागर झील के किनारे सफेद संगमरमर से बारहदरी का निर्माण करवाया।
- राजस्थान की प्रथम हाई सिक्योरिटी जेल "घुघरा घाटी" अजमेर में है
- राजस्थान का सिस्मोग्राफ संयंत्र अजमेर में।
- राजस्थान का एकमात्र नवग्रह मंदिर किशनगढ़, अजमेर में।
- फल्कु बाई का संबंध किशनगढ़, अजमेर से।
- राजस्थान का सबसे बड़ा हैंडलूम केंद्र किशनगढ़, अजमेर में।
- किशनगढ़ शैली (बणी-ठणी शैली) किशनगढ़, अजमेर में।
- राज्य का प्रथम केंद्रीय विश्वविद्यालय बांदरसिंदरी किशनगढ़ में।
- राजस्थान की प्रथम सहकारी समिति - भिनाय (अजमेर में )
- कृष्णा मील की स्थापना ब्यावर( अजमेर में)
- राज्य में फेल्सपार का सर्वाधिक उत्पादन अजमेर मे।